● जो कम जानता है – मन्दबुद्धि (MPPCS)
● जो अपने मार्ग से भटक गया हो – मार्गभ्रमित (IAS)
● अपनी शक्ति भर – यथाशक्ति (UPPCS)
● जहाँ तक और जितना संभव हो – यथासंभव (APO)
● जिसने यश प्राप्त किया हो/जिसका यश चारों ओर फैल गया हो – यशस्वी (APO)
● जो युद्ध में स्थिर रहता हो – युधिष्ठिर (UPPCS, Low Sub., RAS)
● जहाँ नाटक खेला जाता है – रंगमंच (IAS)
● जो बात वर्णन के परे (बाहर) हो – वर्णनातीत (IAS)
● विष्णु सम्बंधी या उस संप्रदाय के नियमों पर चलने वाला – वैष्णव (Low Sub.)
● अनुचित यौन सम्बन्ध रखने वाला – व्यभिचारी (UPPCS)
● विभिन्न प्रकार के विवादों में फँसा हुआ – विवादास्पद (RAS)
● जो विधि/कानून की दृष्टि से ठीक/मान्य हो – वैध (Low Sub.)
● किसी विषय का, जिसको विशेष ज्ञान हो – विशेषज्ञ (MPPCS)
● जिस स्त्री का पति जीवित न हो – विधवा (UPPCS, BPSC)
● जिस पुरुष की पत्नी मर चुकी हो – विधुर (Upper Sub.)
● किसी मामले के खिलाफ दिया गया मत – विमति, टिप्पणी (RAS)
● वाणी का विकार – वाड्.मय (Low Sub.)
● काम के लिए अनुपयुक्त समय – वृथासमय (BPSC)
● दूसरों के कार्य में विघ्न डालने वाला – विघ्नकर, विघ्नकर्ता (MPPCS)
● विदेश में रहने वाला – विदेशी (UPPCS)
● जो व्याकरण को जानने वाला हो – वैयाकरण (BPSC, UPPCS, Low Sub.)
● जो व्यक्ति अधिक बोलता हो – वाचाल (RO, MPPCS, Upper Sub., UPPCS, Low Sub.)
● जो कानून के अनुकूल हो – विधि-सम्मत (UPPCS)
● वनस्पति का आहार करने वाला – वनस्पतत्याहारी (UPPCS)
● जिस पर विश्वास किया जा सके – विश्वसनीय, विश्वासपात्र (UPPCS)
● जिसका कोई अंग बेकार हो – विकलांग, अपांग (UPPCS)
● सौ वस्तुओं का संग्रह – शतक (RAS)
● सौ वर्षों का समूह, अवधि या समय – शतवर्ष, शताब्दी (Low Sub.)
● सदैव रहने वाला – शाश्वत्, अनाद्यन्त (RAS, UPPCS)
● जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता – शब्दातीत (UPPCS)
● जिसके सिर पर चन्द्रमा हो – शशिधर (UPPCS)
● जो सदा दूसरों पर संदेह करता हो – शंकालु (UPSI)
● समान रूप से ठण्डा और गरम – शीतोष्ण (UPPCS)
● वह जिसका शोषण किया जाय – शोषित (UKPCS)
● जहाँ सेना रहती हो – सैन्यवास (Low Sub.)
● जो सर्वत्र व्याप्त हो – सर्वव्यापी (UPPCS)
● जो सबको एक-सा समझता हो – समदर्शी (Upper Sub.)
● जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ (UPPCS, MPPCS, RO)
● जिकसी सीमा न हो – सीमातीत, असीमित (IAS, UPPCS)
● जो पढ़ना लिखना जानता हो/जिसे अक्षर-ज्ञान हो – साक्षर (UPPCS, Upper Sub.)
● जिस स्त्री का पति जीवित हो – सधवा, सौभाग्यवती (RO)
● जो असत्य न बोले/सत्य बोलने वाला – सत्यावादी (Low Sub., RAS)
● अच्छे आचरण वाला – सदाचारी (BPSC)
● जो आसानी से प्राप्त किया जा सके – सुग्राह्य (UPPCS)
● जहाँ खाना मुफ्त में मिलता है – सदाव्रत, लंगर (UPPCS)
● अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करने वाला – स्वेच्छाचारी (APO)
● स्त्री के वश में रहने वाला/जिसका स्वभाव स्त्रियों जैसा हो – स्त्रैण (UPPCS)
● दो धाराओं या नदियों के मिलन का स्थान – संगम (Upper Sub., IAS)
● बहुत पढ़ी-लिखी स्त्री – सुशिक्षिता (Upper Sub.)
● जो हमेशा/निरंतर रहने वाला हो – स्थायी, शाश्वत (UPPCS)
● अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला – स्वयंसेवक (Upper Sub.)
● जो स्वयं भोजन बनाकर खाता हो – स्वयंपाकी (RAS)
● जो सव्य (बायें) हाथ से काम करता हो – सव्यसाची (UKPCS)
● जो एक ही माता के उदर (पेट) से उत्पन्न हुए हों – सहोदर (APO)
● संदेश ले जाने वाला – संदेशवाहक (UPPCS)
● बहुत पढ़ी-लिखी स्त्री – सुशिक्षिता (Upper Sub.)
● अच्छी आँखो वाली स्त्री – सुनयना (APO, Upper Sub.,)
● किसी काम में दूसरे से आगे बढ़ जाने की प्रबल इच्छा – स्पर्द्धा (RAS)
● जो स्मरण रखने योग्य हो – स्मरणीय (UPPCS, APO)
● जो आप से आप उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू (UPPCS)
● जो संसार का संहार करता हो – संहारक (IAS)
● जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो – सुग्रीव (UPPCS, APO)
● पसीने से उत्पन्न होने वाला – स्वेदज (UKPCS)
● भला या हित चाहने वाला – हितैषी (BPSC)
● मिठाई बनाकर बेचने वाला – हलवाई (IAS)
● जो क्षमा पाने योग्य है – क्षम्य (UPPCS, APO)
● जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते दिखायी पड़े – क्षितिज (RAS, IAS)
● भूत, भविष्य एवं वर्तमान को देखने वाला – त्रिकालदर्शी (RAS)
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