राजस्थान का भूगोल
स्थिति एवं विस्तार
राजस्थान क्षेत्रफल में भारत का सबसे बड़ा राज्य है.
राजस्थान का कुल क्षेत्रफल - 3 लाख 42 हज़ार 239 वर्ग कि. मि. है, जो देश के कुल भोगौलिक क्षेत्रफल का 10.41% है.
कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिण से होकर गुजरती है. (डूंगरपुर एवं बांसवाडा जिलो से)
राजस्थान का आकर विषमकोणीय चतुर्भुज के समान पतंग जैसा है.
राजस्थान की कुल स्थलीय सीमा लगभग 5920 किमी है, इसमें से 1070 किलोमीटर सीमा पशिचम में पाकिस्तान से लगी हुई है.
पाकिस्तान की सीमा से राज्य के चार जिलो की सीमा मिलती है.(श्रीगंगानगर,बीकानेर,जैसलमेर एवं बाड़मेर).................................................................................................................................................
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प्राक्रतिक विभाग
अरावली पर्वत माला राज्य के उतर-पूर्व से दक्षिण-पशिचम की और लगभग 692 किमी लम्बी है.
अरावली पर्वत के पशिचम भाग में 13 जिले है, पूर्व में 19 जिले स्थित है
अरावली पर्वत भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रखंला हैराजस्थान को चार प्राक्रतिक भागों में बांटा गया है :-
1. उतर-पशिचम का रेतीला भाग
उतर-पशिचम के रेतीले भाग को "थार का मरुस्थल" भी कहते है.
इस क्षेत्र में बीकानेर,जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जालौर,नागौर, जोधपुर, एवं चुरू जिले आते है.
मरुस्थललिय प्रदेश से लगा प्रदेश (पोकरण तहसील) "बालू का स्तूप मुक्त प्रदेश" कहलाता है
जैसलमेर के उतर और पोकरण के दक्षिण में इस मैदान को "रन" कहते है
स्थान-स्थान पर रेत के टीले "धोरे" कहलाते है
इस प्रदेश की मुख्य नदी "लूणी" है
इस प्रदेश की जलवायु शुष्क है
जैसलमेर के निकट रुद्रवा क्षेत्र तथा रामगढ के पशिचम भाग में पथरीला मरुस्थल है जिसे "रेग" कहा जाता है
चट्टानी मरुस्थल को "हम्मादा" कहा जाता है 2. मध्यवर्ती अरावली का पर्वतीय प्रदेश
इस भाग में सिरोही जिले का पूर्वी भाग, उदयपुर, चितौडगढ़, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, पाली,तथा अजमेर जिले आते है
इस भाग में राजस्थान का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 9.3% आता है,जबकि राज्य की कुल जनसख्या का 17% इस भाग में निवास करता है
इस पर्वतमाला की अधिकतम ऊंचाई वाला भाग उदयपुर जिले में कुम्भलगढ़ और गेगुन्दा तहसील तक है , स्थानीय भाषा में इसे "भोराट का पठार" कहा जाता है
अरावली पर्वत माला की सबसे ऊँची चोटी "गुरु शिखर" है जिसकी ऊंचाई 1722 मीटर है, यह सिरोही के माउन्ट आबू में है 3. पूर्वी मैदानी प्रदेश
राजस्थान के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 23.3% है,जबकि राज्य की कुल जनसख्या का 40% इस भाग में निवास करता है
यहाँ बनास एवं उसकी सहायक नदिया प्रवाहित होती है
इस क्षेत्र के तीन भाग है - चंबल बेसिन,बनास-बाणगंगा बेसिन एवं मध्य माही बेसिन
चंबल बेसिन क्षेत्र में 5 से 30 मीटर गहरे खड्डे वाली भूमि को स्थानीय भाषा में "खादर" कहते है
यहाँ की उबड़- खाबड़ और बीहड़ भूमि को "डांग" कहा जाता है
माहि- बेसिन को "छप्पन बेसिन" भी कहा जाता है 4. दक्षिणी- पूर्वी पठारी प्रदेश
राजस्थान के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 9.6% है,जबकि राज्य की कुल जनसख्या का 13% इस भाग में निवास करता है
यह हाडौती पठार के नाम से भी जाना जाता है
दक्षिणी- पूर्वी पठारी प्रदेश में भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया और बूंदी के पशिचम भाग में पठारी भाग को "ऊपरमाल" के नाम से जाना जाता है।.
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