भूमि अधिग्रहण विधेयक ज़मीन के अधिग्रहण और पुनर्वास के मामलों को एक ही क़ानून के तहत लाए जाने की योजना है। वर्ष 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने संसद में भूमि अधिग्रहण बिल पास किया था। जिसमें किसानों के हित के लिए कई निर्णय लिए गये थे। फिलहाल भारत में जमीन अधिग्रहण 1894 में बने कानून के तहत होता है।
29 अगस्त, 2013 को लोकसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक को 4 सितंबर, 2013 को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 131 और विरोध में 10 वोट पड़े वहीं लोकसभा में 216 पक्ष में और 19 मत विरोध में पड़े थे।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक 119 साल से चल रहे ब्रिटिश हुकुमत वाले भूमि अधिग्रहण बिल की जगह ले लेगा। एक सदी से चल रहे भूमि अधिग्रहण बिल की कई खामियां को इसमें सुधारा गया है।
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